विकसित भारत के लिए विकसित मध्यप्रदेश अनिवार्य: मुख्यमंत्री मोहन यादव


24 फरवरी 2025।  मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) 2025 का शुभारंभ हुआ, जो 25 फरवरी तक चलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भोपाल आगमन पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वागत किया। इस ऐतिहासिक आयोजन में प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश सरकार की निवेश को बढ़ावा देने वाली 18 नई नीतियों का शुभारंभ करेंगे।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, "भोपाल न सिर्फ देश की सबसे स्वच्छ राजधानी है, बल्कि यह अब औद्योगिक और आर्थिक विकास का नया केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।" उन्होंने जोर दिया कि मध्यप्रदेश के विकास के बिना विकसित भारत का सपना पूरा नहीं हो सकता।

भोपाल की छवि बदलेगी, निवेश और विकास के नए द्वार खुलेंगे

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट न केवल प्रदेश में निवेश को आकर्षित करेगी, बल्कि भोपाल की आर्थिक और औद्योगिक छवि को भी नया रूप देगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भोपाल के इतिहास में गैस त्रासदी की छवि रही है, लेकिन अब यह शहर संभावनाओं के अनंत आकाश में आशाओं की नई ज्योत जला रहा है।

उन्होंने कहा, "आने वाले पांच वर्षों में हम राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। इसके तहत हमने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत की है, जो उज्जैन, जबलपुर, शहडोल, ग्वालियर सहित कई शहरों में आयोजित किए गए हैं।"

मध्यप्रदेश: जल, जमीन और उद्योगों के लिए आदर्श गंतव्य

मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने देश-विदेश के बड़े शहरों में रोड शो आयोजित कर राज्य की औद्योगिक विशेषताओं को निवेशकों के सामने प्रस्तुत किया है।

उन्होंने कहा, "हम 18 नई औद्योगिक नीतियां लेकर आए हैं, जिनका लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। इन नीतियों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने 'जनविश्वास अधिनियम' पारित किया है।"

इसके अलावा, राज्य सरकार ने 2025-26 को 'उद्योग और रोजगार वर्ष' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

सेमीकंडक्टर, पर्यटन और वन्यजीव पार्कों में अपार संभावनाएं

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर पार्क विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, "प्रदेश में पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं। धार्मिक पर्यटन, वन्यजीव पार्कों और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हमारे लिए हर निवेशक महत्वपूर्ण है और मध्यप्रदेश निवेशकों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने नदी जोड़ो अभियान की भी चर्चा की, जिससे बुंदेलखंड और अन्य क्षेत्रों में जल उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

औद्योगिक विस्तार के लिए बड़ी कंपनियों से चर्चा

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने NTPC के चेयरमैन एवं एमडी गुरदीप सिंह से वन-टू-वन चर्चा की। इस दौरान औद्योगिक विस्तार और नए निवेश समझौतों (MoUs) पर सहमति बनी।

EaseMyTrip के सीईओ रिकांत पिट्टी के साथ बैठक में मध्यप्रदेश में पर्यटन उद्योग के विस्तार पर चर्चा हुई। इसमें यात्रा और आतिथ्य उद्योग को तकनीकी रूप से मजबूत करने पर जोर दिया गया।

इसके अलावा, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रतिनिधिमंडल और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण से भी निवेश के विभिन्न अवसरों पर चर्चा हुई।

आईटी सेक्टर में मध्यप्रदेश बना निवेशकों का नया केंद्र

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आईटी सेक्टर को लेकर भी अहम चर्चाएं हुईं। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी संजय दुबे ने बताया कि मध्यप्रदेश में आईटी सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा, "इंदौर में 100 से अधिक आईटी कंपनियां काम कर रही हैं, जिससे यह शहर आईटी का प्रमुख केंद्र बन चुका है। प्रदेश सरकार आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए आईटी पार्क विकसित कर रही है, जिसमें कंपनियों को SEZ (स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन) की रियायतें मिल रही हैं।"

मध्यप्रदेश बन रहा है इंडस्ट्रियल ग्रोथ का नया हब

निवेशक सुनील जैन ने कहा, *"मध्यप्रदेश देश का दिल तो पहले से था, लेकिन अब यह *इंडस्ट्रियल ग्रोथ में भी अग्रणी बन रहा है।"

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान टोरेंट पावर प्रतिनिधिमंडल के साथ मध्यप्रदेश के बिजली बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई।

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा, "इस समिट से मध्यप्रदेश में बड़े निवेश आएंगे और रोजगार के हजारों नए अवसर बनेंगे। बुंदेलखंड की बीना रिफाइनरी के लिए केंद्र सरकार ने 54 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, जिससे एक लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी।"

मध्यप्रदेश में निवेश का स्वर्णिम युग शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समापन भाषण में कहा, "मध्यप्रदेश अब भारत की औद्योगिक क्रांति का नया केंद्र बनने की ओर है। यहां का मजबूत बुनियादी ढांचा, सुगम प्रशासन और निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियां इसे अगली आर्थिक महाशक्ति बनाने में सहायक होंगी।"

उन्होंने निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश करने और इस विकास यात्रा का हिस्सा बनने का आह्वान किया। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए जा चुके हैं।


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